रेत माफिया अवैध खनन के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। शहर के इंद्रावती नदी के पुराने पुल के पास अब वे इस काम में प्रवीर वार्ड की महिलाओं को लगा रहे रहे हैं। जहां नदी में पानी कम है वहां से रेत निकालने के काम में महिलाओं को लगा दिया गया है। हर दिन जान जोखिम में डाल महिलाएं पानी में जाकर रेत निकाल रही हैं।
करीब तीन दर्जन से अधिक महिलाएं इस काम में लगी हैं। नदी से रेत निकाल रही महिलाओं ने कहा कि वे अब तक करीब 10 ट्रॉली से अधिक रेत निकाल चुकी हैं। एक ट्रॉली रेत निकालने के लिए उन्हें करीब एक हजार रुपए मिल रहे हैं। इधर जिले में अवैध खनन रोकने खनिज विभाग के अधिकारी गांव-गांव में दस्तक दे रहे हैं।
इस काम में उन्हें सफलता भी मिल रही है, लेकिन शहर के पास रविवार से हो रहे अवैध रेत खनन को रोकने अब तक कोई अफसर नहीं पहुंचा है जिसका फायदा माफिया उठा रहे हैं। कुछ दिन पहले इस काम के एवज में रेत माफिया ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को केवल 500 रुपए देते थे। जिला खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा ने कहा कि नदी से हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए माइनिंग इंस्पेक्टर को आदेश दिया गया है। जल्द ही इस काम पर रोक लगेगी।
खदान पर नहीं सुलझा मामला
नदी से रेत की अवैध खनन बंद हो इसके लिए खनिज विभाग इस जगह को खदान के रूप में स्वीकृति दिलाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों से कह रहा है। लेकिन निगम के अधिकारी इस मामले को लेकर अब तक गंभीर नहीं हैं। इसी का फायदा रेत माफिया उठा रहे हैं।
निगम सीमा में कोई खदान नहीं
नगर निगम के अधिकारी निगम सीमा में खदान की स्वीकृति नहीं होने से इस मामले में कार्रवाई का अधिकार नहीं होने की बात कह पल्ला झाड़ रहे हैं। वहीं खनिज विभाग इसे नगरीय सीमा में होने की बात कहते हुए निगम पर सुस्त रहने का आरोप लगा रहा है।