महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा रविवार को मुंबई के लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज हुईं हैं। अस्पताल से छूटते ही उन्होंने CM उद्धव ठाकरे को चुनौती दी है। नवनीत ने कहा- मैं किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हूं, अगर उनमें हिम्मत है तो मेरे खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मैं 14 दिन तो क्या 14 साल भी जेल में रहने को तैयार हूं।
नवनीत और उनके पति रवि राणा बुधवार को मुंबई की भायखला जेल से रिहा हुए थे। राणा दंपती ने 23 अप्रैल को मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था। इसके बाद राजद्रोह के आरोप में उन्हें जेल भेजा गया था। बुधवार को जमानत मिलने के बाद पति-पत्नी जेल से बाहर आए थे।
बुधवार को सांसद नवनीत राणा कुछ देर के लिए मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में रहीं। तबीयत खराब होने के बाद वो वहां पहुंची थी। अस्पताल में उनका सीटी स्कैन हुआ है और डॉक्टर ने उन्हें दवाइयां दीं। अमरावती सांसद पिछले कुछ दिनों से पीठ में दर्द से परेशान थीं। इससे पहले उनके वकील ने तबीयत खराब होने को लेकर जेल प्रशासन को चिट्ठी लिखी थी और बाद में कोई रिस्पॉन्स न आने पर नाराजगी भी जाहिर की थी
अदालत ने राणा दंपती को सशर्त जमानत दी थी और कहा है कि आने वाले समय में राणा दंपती इस तरह का कोई और विवाद नहीं करेंगे। इसके अलावा वे सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और इस पूरे मामले में कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस भी नहीं करेंगे। दोनों को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर यह बेल दी गई।
इस वजह से शुरू हुआ था विवाद
सारा विवाद तब शुरु हुआ था, जब नवनीत राणा ने ऐलान किया कि CM उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगीं। ऐलान के बाद शिवसेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नवनीत राणा के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिसके बाद अमरावती लोकसभा सीट से सांसद नवनीत राणा और बडनेरा से विधायक पति रवि राणा ने हालांकि 23 अप्रैल को मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने संबंधी अपनी योजना को रद्द कर दिया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।