पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस नेता और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक ने एडसमेटा न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग उठाई है। नेताम ने मंगलवार को राज्यपाल अनुसूईया उइके को पत्र लिखकर पिछले दिनों सरकार के पास आई सारकेगुड़ा, एडसमेटा और ताड़मेटला कांड न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट्स को भी सार्वजनिक करने की मांग की है।
दैनिक भास्कर से बातचीत में अरविंद नेताम ने कहा, सारेकगुड़ा की न्यायिक जांच रिपोर्ट को सरकार को सौंपे दो साल व्यतीत हो गए। लगभग 8 विधानसभा सत्र बीत गए लेकिन इसे विधामसभा के पटल पर नही रखा गया। ताड़मेटला में तो स्वयं कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल गया था लेकिन इसकी रिपोर्ट जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं हुई। एडसमेटा कांड की रिपोर्ट विधानसभा में आई है लेकिन पब्लिक डोमेन में उपलब्ध नहीं कराई गई। प्रदेश और खासकर बस्तर को भी पता होना चाहिए कि जांच रिपोर्ट में क्या है। उन जनसंहारों का दोषी कौन है। अरविंद नेताम ने कहा, सरकार ने न्यायिक आयोग क्यों बिठाया था। निष्पक्ष जांच के लिए ही ना! नेता तो कहते रहते हैं कि जो भी दोषी होगा उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम तो यही चाहते हैं कि जो भी दोषी पाया गया है उसके खिलाफ कार्रवाई हो। बस्तर के आदिवासी सरकार की कार्यवाही का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा नहीं हुआ तो माना जाएगा कि सरकार के लिए आदिवासी की जान की कोई कीमत ही नहीं है।
केंद्रीय बलों को बस्तर से हटाने की मांग भी
अरविंद नेताम ने कहा, बस्तर से केंद्रीय सुरक्षा बलों को बाहर जाना चाहिए। माओवादी समस्या का स्थायी समाधान पुलिस बल से नहीं हो सकता। ऐसा दुनिया में नहीं हुआ है। आपको समाधान के दूसरे रास्ते ढूंढने होंगे।
आदिवासी नेताओं से संवाद करे सरकार
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा, नक्सल समस्या को लेकर सबसे बात हुई है इस देश में। इंटरनेशन एजेंसियों तक से बातचीत हाे गई। लेकिन ट्राइबल नेताओं से कोई संवाद नहीं हुआ। अपनी सरकार में भी कई बार कहा। सभी दलों के ट्राइबल नेताओं को बुलाइए तो सही। हम भुक्तभोगी हैं और हम ही से कोई नहीं पूछ रहा है। दूसरे लोगों को बुला-बुलाकर सुनते रहते हैं।