गीता देवी मेमोरियल अस्पताल सील पहाड़ी कोरवा महिला की मौत का मामला

बगैर लाइसेंस के चल रहा था अस्पताल- सील

कोरबा। जिले में संचालित गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है। पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रसासन द्वारा सख्ती बरती गई है। दरअसल सतरेंगा गांव की 50 वर्षीय महिला सुनी बाई कोरवा को जिलाअस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के रैफर गिरोह द्वारा गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल शिफ्ट करा दिया गया जहां समय पर ऑपरेशन नहीं होने की वजह से महिला की मौत हो गई इस घटना को लेकर परिजनों ने अस्पताल के सामने ही जमकर हंगामा किया। पहाड़ी कोरवा जनजाति की महिला की मौत के इस मसले को प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए अस्पताल को सील कर दिया है।

बगैर लाइसेंस के चल रहा था अस्पताल

हैरानी की बात ये है कि सालों गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल का संचालन बगैर लायसेंस के हो रहा था। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को इसकी भनक तक नही थी। पहाड़ी कोरवा महिला की मौत का मामला तूल पकड़ने के बाद जांच में गई प्रसासनिक टीम को अस्पताल संचालन के संबंध में कोई वेज नहीं मिले। फिलहाल अस्पताल सील कर दिया गया है। यहां भर्ती सभी मरीजो को जिला अस्पताल शिफ्ट की किया जाएगा।

दलालों पर एफआईआर

कलेक्टर रानू साहू ने पहाड़ी कोरवा महिला को गीता देवी मेमोरियल अस्पताल शिफ्ट कराने वाले स्वप्निल झा, शुभम और उनके साथियों के खिलाफ भी एफआईआर करवाने के निर्देश दिए हैं. चौकाने वाली बात ये है कि सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल शिफ्ट करने के लिए एक बड़ा गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सदस्य जिला अस्पताल के इर्द-गिर्द मंडराते रहते है। कमीशन के लालच में ग्रामीण मरीजों को बेहतर इलाज का प्रलोभन देकर निजी अस्पताल ले आते है। ये रैकेट सालों से सक्रिय है। महिला की मौत घटना के बाद रेफरल रैकेट पर प्रशासन सख्त हुई है ।

जिला अस्पताल के जिम्मेदारों को नोटिस

पहाड़ी कोरवा महिला की मौत की घटना ने प्रसासन की नींद उड़ाकर रख दी है। इस गंभीर मसले को लेकर कलेक्टर रानू साहू ने एक्शन लेते हुए संबंधित निजी अस्पताल को बंद कराने के अलावा सरकारी मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध जिला अस्पताल के अन्य डॉक्टरों को नोटिस जारी किया हैं. दरअसल जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती है। इससे संबंधित सभी जरूरी इक्यूपमेंट व मेडिसिन उपलब्ध है। बावजूद इसके महिला को निजी अस्पताल रेफर किया गया जो चिकित्सको की मनमानी को उजागर करता है।

 

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र की मौत के बाद खुली नींद

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले अति संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय की महिला की मौत के बाद आखिरकार प्रशासन की नींद खुल गई है। इससे पहले कि यह मामला तूल पकड़ता कलेक्टर रानू साहू ने सख्ती बरतते हुए जिले में संचालित सभी निजी अस्पतालों के लाइसेंस की जांच करने का आदेश जारी कर दिया है मेडिकल एक्ट का उल्लंघन कर अवैध रूप से संचालित हो रहे हॉस्पिटल प्रबंधन पकड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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