छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सात मार्च से शुरू हो रहा है। यह सत्र हर साल की अपेक्षा छोटा होगा। इसमें केवल 13 बैठकें प्रस्तावित है। लेकिन इन्हीं 13 दिनों के लिए विधायकों की ओर से सरकार पर सवालों की बारिश हुई है। विधायकों ने एक हजार 523 सवाल लगाए हैं।
विधानसभा सचिवालय के मुताबिक सवाल लेने की शुरुआत 4 फरवरी से हुई थी। पहले दिन केवल 63 सवाल आए। उसके बाद विधायकों की ओर से भेजे गए सवालों में तेजी आई। 25 फरवरी की शाम तक विधायकों ने एक हजार 523 सवाल पूछे थे। इनमें से 782 सवालों को तारांकित किया गया है। यानी इन सवालों पर विधायकों को सदन के भीतर पूरक प्रश्न करने का भी मौका मिलेगा। वहीं 741 सवालों को अतारांकित श्रेणी में रखा गया है। इन सवालों का केवल लिखित उत्तर विभागीय मंत्री की ओर से मिलेगा। इसपर पूरक प्रश्न नहीं पूछे जा सकते।
विधानसभा ने इस साल से ऑनलाइन सवाल-जवाब की व्यवस्था की है। ऐसे में विधायकों को ऑनलाइन सवाल पूछने का प्रशिक्षण भी दिया गया था। उसका असर दिखा है। इस बार अधिकतर विधायकों ने अपने सवाल ऑनलाइन ही भेजे हैं। विधानसभा सचिवालय की ओर से बताया गया, इस बार एक हजार 342 सवाल ऑनलाइन ही पूछे गए हैं। केवल 181 सवाल ही ऑफलाइन आए हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ सत्रों में 100% सवाल ऑनलाइन आने लगेंगे। बताया जा रहा है, विभिन्न विभागों से जवाब आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
पिछले बजट सत्र में 2904 सवाल आए थे
विधानसभा का बजट सत्र सबसे लंबा होता है। ऐसे में इसमें सवालों की संख्या भी अधिक होती है। 2021 के बजट सत्र में 2 हजार 904 प्रश्न पूछे गए थे। यह तब था जब सत्र की अवधि 24 दिन निर्धारित थी। यह अलग बात है कि यह सत्र समय से पहले खत्म हो गया था। 2021 का बजट सत्र 22 फरवरी को शुरू हुआ था और 9 मार्च को सत्र समाप्ति की घोषणा हो गई।
शीतकालीन सत्र में 755 सवाल आए थे
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 755 सवाल पूछे गए थे। यह सत्र 13 दिसम्बर से 17 दिसम्बर तक प्रस्तावित था। यह सत्र 25 दिसम्बर को यानी केवल तीन दिनों में ही समाप्त हो गया। इन तीन दिनाें में अधिकतर वक्त गतिरोध में बीता था।