बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हसदेव अरण्य क्षेत्र की परसा कोल ब्लॉक आवंटन को वैधानिक ठहराया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस आरसीएस सामंत की डिवीजन बेंच ने ग्रामीणों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने माना है कि केंद्र सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को परसा कोल ब्लॉक आवंटित किया है। इसमें कोयला उत्पादन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी हाईकोर्ट ने सही ठहराया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि देश भर में कोयले की कमी है। ऐसे में किसी कोल उत्पादन कंपनी पर हस्तक्षेप करना उचित नहीं है। हसदेव अरण्य को बचाने की मांग के बीच हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। परसा कोल ब्लॉक आवंटन के लिए जमीन की अधिग्रहण और पेड़ों की कटाई को केंद्र की नीति को कोर्ट ने वैधानिक माना है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की नीतियों को सही ठहराते हुए कहा है कि कोयला उत्पादन के लिए सरकार ने विधिवत अनुमति दी है।