बिलासपुर में 71.50 लाख का धान खरीद घोटाला:2470 क्विंटल धान, 22386 बारदाने गायब; केंद्र-फड़ प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर पर FIR, संपत्ति भी होगी जब्त

बिलासपुर में धान खरीदी में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां एक धान खरीदी केंद्र में करीब 71 लाख 50 हजार रुपए का धान और बारदाना गायब हो गया है। विभागीय अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच के बाद दोषी केंद्र प्रभारी, फड़ प्रभारी और कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ केस दर्ज कराया है। इसके साथ ही उनकी संपत्ति भी कुर्क करने के निर्देश दिए गए हैं। मामला तखतपुर थाना क्षेत्र का है।

जिले के धान खरीदी केन्द्रों में शून्य शार्टेज एवं धान का उठाव शीघ्र कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए खाद्य, सहकारिता एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की टीम गठित कर धान खरीदी केन्द्रों का भौतिक सत्यापन भी करने के निर्देश दिए गए। सभी केंद्रों में भौतिक सत्यापन का काम चल रहा है। इस दौरान कोटा विकास खण्ड के करगीकला के नगचुई धान खरीदी केन्द्र का भी सत्यापन किया गया। जांच के दौरान पता चला कि केंद्र में कुल 53,944.00 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। वहीं कंप्यूटर में 51,113.75 क्विंटल दर्ज होना पाया गया है। 2470.25 क्विंटल की कमी पाई गई है।

प्राधिकृत अधिकारी ने थाने में दर्ज कराया केस
जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद सेवा सहकारी समिति के प्राधिकृत अधिकारी बलराम कश्यप ने धान खरीदी में शासन को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले दोषी अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। उनकी रिपोर्ट पर पुलिस न धान खरीदी केंद्र प्रभारी देव कुमार गोयल , बारदाना प्रभारी अरूण कुमार मसीह एवं आपरेटर राजीव लोचन तिवारी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।

22 हजार 386 बारदाने मिले कम
भौतिक सत्यापन के दौरान पता चला कि 22 हजार 386 बारदाना की कमी पाई गई है। अधिकारियों ने धान खरीदी में गबन के साथ-साथ खाली बारदाने में भी गड़बड़ी कर शासन को 71 लाख 49 हजार 410 रुपये की चूना लगाया है। बताया गया कि धान खरीदी के लिए उपलब्ध बारदानों में 22 हजार 386 बारदानों की कमी पाई गई। जिसकी कीमत 780237 हजार रुपए है। इसी तरह 61,75,625 रुपए कीमती धान की कमी पाई गई है।

संपत्ति की जाएगी कुर्क
धान खरीदी केंद्र प्रभारी, फड़ प्रभारी और कम्प्यूटर ऑपरेटर को धान खरीदी में गड़बडी और गबन के दोषी पाए गए हैं। ऐसे में उनके खिलाफ राशि की वसूली भी उनसे की जाएगी। इसके लिए उनकी संपति से वसूली करने की कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। ताकि भविष्य में किसी अन्य कर्मचारी की ओर से इस प्रकार की गड़बड़ी न की जाए।

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