यूक्रेन पर रूस बरसा रहा इंसान को भाप बना देने वाले बम, क्या पुतिन पर चलेगा सद्दाम हुसैन जैसा मुकदमा?

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन में इंसान को पल भर में भाप बनाने वाले खतरनाक वैक्यूम बमों के इस्तेमाल की बात मानी है। यूक्रेन में वैक्यूम बमों के इस्तेमाल से आम नागरिकों के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। इससे पुतिन के खिलाफ वॉर क्राइम के लिए मुकदमा भी चलाया जा सकता है।

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रूस ने माना है कि वह यूक्रेन के खिलाफ वैक्यूम बम यानी थर्मोबेरिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि, रूस ने खुद अभी इसके इस्तेमाल की पुष्टि नहीं की है।

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन में जबर्दस्त विस्फोट करने वाले थर्मोबेरिक रॉकेट्स या वैक्यूम बम को दागने के लिए TOS-1A वेपन सिस्टम का इस्तेमाल कर रही है।

थर्मोबेरिक हथियार बहुत ही विवादास्पद माने जाते हैं, क्योंकि ये सेम साइज के पारंपरिक विस्फोटकों की तुलना में कहीं ज्यादा घातक होते हैं और अपने धमाके के आसपास के इलाके में ज्यादा तबाही मचाते हैं।

अमेरिका में यूक्रेन के राजदूत ओकसाना मार्कारोव भी यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस के इन खतरनाक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगा चुके हैं।

वैक्यूम बम या थर्मोबेरिक बम को दुनिया के सबसे घातक गैर-परमाणु बमों में गिना जाता है। वैक्यूम बम वातावरण की हवा से आक्सीजन को सोखकर एक हाई टेंपरेचर ब्लास्ट करता है।

वैक्यूम बम से विस्फोटक एक बहुत बड़े इलाके में फैल जाता है और जब इससे विस्फोट होता है, तो एक ब्लास्ट वेव पैदा होती है जो आम विस्फोटकों की तुलना में ज्यादा देर तक रहती है।

वैक्यूम या थर्मोबेरिक बम इंसान के फेफड़ों से हवा को चूस लेने में सक्षम होते हैं, जिससे उसमें लिक्विड भर जाता है, या इसके विस्फोट से व्यक्ति के फेफड़े फट सकते हैं।

वैक्यूम बम के धमाके से लंबे समय तक टिकने वाली ब्लास्ट वेव पैदा होती हैं, जो इंसान के शरीर को पल भर में भाप बना सकती हैं।

  • थर्मोबेरिक बम को वैक्यूम बम या एयरोसोल बम या फ्यूल एयर एक्सप्लोसिव भी कहते हैं।
  • वैक्यूम बम में दो अलग-अलग एक्सप्लोसिव चार्ज के साथ एक फ्यूल कंटेनर होता है।
  • इस बम को रॉकेट के रूप में लॉन्च किया जा सकता है या विमान से बम के रूप में गिराया जा सकता है।
  • जब यह अपने लक्ष्य से टकराता है, तो पहला एक्सप्लोसिव चार्ज कंटेनर को खोलता है और बड़े पैमाने पर फ्यूल मिक्स्चर को बादल के रूप में बिखेर देता है।
  • इसके बाद एक दूसरा चार्ज इस बादल को सुलगा देता है, जिससे एक बड़ा आग का गोला पैदा होता है और एक जोरदार ब्लास्ट वेव निकलती है और एक वैक्यूम बन जाता है, जो आसपास के ऑक्सीजन को चूस लेता है।
  • आम विस्फोटकों की तुलना में थर्मोबैरिक बम कई गुना ज्यादा एनर्जी और शॉक वेव पैदा करते हैं।
  • थर्मोबेरिक बम का पानी के अंदर, ज्यादा ऊंचाई और प्रतिकूल मौसम में यूज नहीं किया जा सकता है।
  • थर्मोबेरिक बम या हथियार मजबूत इमारतों को नष्ट कर सकते हैं, लोगों को मार सकते हैं या घायल कर सकते हैं।
  • इन हथियारों का सबसे पहले इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने किया था। 1960 के दशक में अमेरिका ने वियतनाम के खिलाफ इनका इस्तेमाल किया था।
  • आधुनिक थर्मोबैरिक हथियारों का विकास सोवियत संघ और अमेरिका ने 1960 के दशक में ही शुरू कर दिया था।
  • अमेरिका ने 2002 में ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए अफगानिस्तान में इसका यूज किया था। 2017 में भी अमेरिका ने ISIS के खिलाफ अफगानिस्तान में इन बमों को गिराया था।
  • रूस ने चेचेन्या के खिलाफ 1999 में थर्मोबेरिक बम का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा रूस पर 2016 में सीरिया में भी इनके इस्तेमाल का आरोप है। अब 2022 में यूक्रेन में भी रूस पर इनके यूज का आरोप है।
  • रूस का फादर ऑफ ऑल बॉम्ब (FOAB) और अमेरिका का मदर ऑफ ऑल बॉम्ब (MOAB) थर्मोबेरिक हथियारों का सबसे घातक वर्जन हैं। अमेरिका ने 2003 में MOAB, जबकि रूस ने 2007 में FOAB का पहली बार परीक्षण किया था।
  • इन बमों का इस्तेमाल किलेबंदी, सुरंगों, बंकरों, गुफाओं को तबाह करने में होता है। ये बम शहरी इलाकों में ज्यादा तबाही मचा सकते हैं।
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