पिछले कुछ दिनों से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ नजर आने वाले एक ब्रीफकेस की चर्चा हो रही है। दरअसल, ये कोई साधारण ब्रीफकेस नहीं बल्कि पुतिन का न्यूक्लियर ब्रीफकेस है, जिसमें न्यूक्लियर हमले का आदेश देने का सिस्टम मौजूद होता है। यूक्रेन के साथ जंग शुरू होने के बाद ही पुतिन ने अपने न्यूक्लियर वेपन्स को अलर्ट मोड पर रखा था। ऐसे में अब पुतिन के न्यूक्लियर ब्रीफकेस के साथ नजर आने पर एक बार फिर से ये चर्चा शुरू हो गई है कि क्या पुतिन यूक्रेन पर न्यूक्लियर अटैक करने वाले हैं।
ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर क्या है पुतिन का न्यूक्लियर ब्रीफकेस? इससे कैसे दिया जाता है न्यूक्लियर अटैक का कमांड? क्यों है इससे यूक्रेन और दुनिया को खतरा? क्या भारतीय PM के पास भी होता है न्यूक्लियर ब्रीफकेस?
कैसे शुरू हुई पुतिन के न्यूक्लियर ब्रीफकेस की चर्चा?
आमतौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन जहां भी जाते हैं, अपने साथ न्यूक्लियर ब्रीफकेस कैरी करते हैं। लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद हाल ही में कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान जब पुतिन इस न्यूक्लियर ब्रीफकेस के साथ नजर आए तो ये चर्चा शुरू हो गई कि क्या पुतिन यूक्रेन पर न्यूक्लियर अटैक का मन बना रहे हैं।
हाल के दिनों में पुतिन के साथ ये न्यूक्लियर ब्रीफकेस सबसे पहले अप्रैल के पहले हफ्ते में तब नजर आया, जब वह व्लादिमिर जिरिनोव्सकी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मॉस्को के एक चर्च पहुंचे थे। जिरिनोव्सकी ने पुतिन के यूक्रेन पर हमले की तारीख की पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी।
दूसरी बार ये न्यूक्लियर ब्रीफकेस हाल ही में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ पुतिन की मुलाकात के दौरान नजर आया। दोनों ही मौकों पर इस न्यूक्लियर ब्रीफकेस को पुतिन के एक बॉडीगार्ड ने थाम रखा था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के दिनों में पुतिन अपनी संभावित हत्या की कोशिशों से भी डरे हैं और इसीलिए अपना सुरक्षा घेरा और मजबूत कर लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन की आठ डोज लगवाने के बावजूद पुतिन कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्हें थॉयराइड कैंसर होने की भी अटकलें हैं।
आखिर क्या है पुतिन का न्यूक्लियर ब्रीफेकस?
वैसे तो पुतिन का न्यूक्लियर ब्रीफकेस दिखने में किसी आम ब्रीफकेस जैसा नजर आता है। लेकिन ये कोई साधारण ब्रीफकेस नहीं है बल्कि इस न्यूक्लियर ब्रीफकेस के जरिए पुतिन न्यूक्लियर अटैक का आदेश दे सकते हैं।
- इस न्यूक्लियर ब्रीफकेस में परमाणु हमले से जुड़े डॉक्यूमेंट और अलर्ट अलार्म यानी न्यूक्लियर हमले का कमांड सिस्टम होता है।
- रूसी भाषा में इस ब्रीफकेस को चेगेट कहा जाता है। इस ब्रीफकेस का नाम रूस के कबार्डिनो बलकरिया इलाके में मौजूद एक पहाड़ के नाम पर पड़ा है।
- ये ब्रीफकेस सबसे पहले 1980 के दशक में सोवियत संघ के शीर्ष नेता यूरी आंद्रोपोव के छोटे से शासनकाल के दौरान अस्तित्व में आया थ।
- ये ब्रीकेस 1985 में सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव के शासन में एक्टिव सर्विस में आया और तब से लगातार इस्तेमाल हो रहा है।
- पुतिन को ये न्यूक्लियर ब्रीफकेस दिसंबर 1999 में सौंपा गया था और उसके बाद से ही वह इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
- अब तक इस ब्रीफकेस का केवल एक बार विस्तृत रूप से सार्वजनिक प्रदर्शन हुआ है। 2019 में रूस के रक्षा मंत्रालय के चैनल Zvezda ने इस ब्रीफकेस को टीवी पर दिखाया था।
- न्यूक्लियर ब्रीफकेस रूस में राष्ट्रपति की ताकत को दर्शाता है।