सरकार ने बुधवार को देश में ड्रोन के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत कुछ अपवादों के साथ विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। अनुसंधान व विकास, रक्षा और सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ड्रोन के आयात को प्रतिबंध से छूट दी गई है, लेकिन ऐसे आयात के लिए उचित मंजूरी की आवश्यकता होगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा, ड्रोन घटकों के आयात के लिए किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की है।
डीजीएफटी का बयान
डीजीएफटी ने कहा, सीबीयू (कम्प्लीटली बिल्ट अप)/सीकेडी (कंप्लीटली नॉक्ड डाउन)/एसकेडी (सेमी नॉक्ड डाउन) रूप में ड्रोन का आयात निषिद्ध है। खोज एवं विकास, रक्षा और सुरक्षा उद्देश्यों के लिए मंजूरी लेनी होगी।
सीबीयू, एसकेडी या सीकेडी फॉर्म में सरकारी संस्थाओं, केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अनुसंधान एवं विकास संस्थाओं और ड्रोन निर्माताओं द्वारा ड्रोन के आयात की अनुमति दी जाएगी। यह संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से डीजीएफटी द्वारा जारी आयात प्राधिकरण के अधीन होगा।
रक्षा और सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ड्रोन के आयात की अनुमति सीबीयू, एसकेडी या सीकेडी फॉर्म में दी जाएगी, जो संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से डीजीएफटी द्वारा जारी आयात प्राधिकरण के अधीन होगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि मेड इन इंडिया ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए, 9 फरवरी, 2022 से विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंत्रालय अगस्त 2021 में उदार ड्रोन नियमों के साथ आया था।